Sunday, April 25, 2021

प्राथमिकताएं निर्धारित हैं..

आगे बड़ी लड़ाई है... चीन ने लंका लगाई है... मिलियन लाशे बिछाई हैं. ... विश्व युद्ध नहीं बस , यह प्रलय है... 

आईसीयू , वेंटीलेटर, ऑक्सीजन... हस्पताल का बेड। .. प्राथमिकताएं निर्धारित हैं... 

कब थमेगा यह युद्ध? कोई नहीं जानता। ... जब तक बचे तब तक लड़े। ... जब तक लड़े तब तक बचे. ...प्राथमिकताएं निर्धारित हैं.  

पहले बुखार मापते थे , अब ऑक्सीजन। ... प्राथमिकताएं निर्धारित हैं..

...कोविड के म्यूटेंट्स ने व्यथा बढ़ाई है... हर देश का अपना वैरिएंट है.. लोकलाइजेशन का स्पश्ट उदाहरण है.. 

...जांच , वैक्सीन, फिर कोविड  , फिर रेमडेसिविएर। ....कहाँ फंसा है विश्व। ..विकल समस्त जन संकुल. 

देश फंसा चुनावों में... टीवी डिबेट कुल कलंक प्रतिभाओं में... नाच रहे यमराज गलियों में... सब जन मन बंद हैं किल्लिओं में. ...प्राथमिकताएं निर्धारित हैं..

नाक मुँह में ठूँसे तिनके.. ..कपडे कई बंधवाये हैं... फिर बुद्ध याद आ गए  हैं. "वह घर ढूंढ कर बतलाओ जिसका कोई खोया न हो इस कोविड में।" 


..जल बिन मछली की कविता हम मनुस्य जनों पर विपदा बन कर छाई है... 


पोलियो कालरा, हैज़ा, मलेरिआ , डेंगू सभी शर्माए हैं... काल काल को खंडित करते ,...सबके दद्दा आये हैं. 


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