Sunday, October 23, 2016

कहते हैं आईटी में सारे पाप धुल जाते हैं.

सन २००९, स्थान बंगलुरु , मैं, SIBM बंगलुरु में MBA के एडमिशन की GD&PI conduct कर रहा था.  मैंने पाया  के लिए लोग मुख्यतः TCS , Infosys जैसे  आईटी सर्विसेज कंपनी के Engineers, टीम-लीडर्स थे. सब ने MBA करने के पीछे एक सी ही बात कही; करियर ग्रो नहीं कर रहा, सैलरी नहीं बढ़ रही, टीम लीडर/manager बायस्ड हैं, आन -साइट, opportunity काफी कम हैं, और अगर है तो फिर,  suckers इस जात वाले के लिए रिजर्व्ड हैं. , . ...... तो साहब, MBA  एक "संकट मोचक" है जो सांसारिक दुष्चक्रों से छुटकारा दिलाने वाला राम बाण है, ऐसा समझ लीजिये. . आईटी वाले किसी ने भी कोई दिलचस्प बात नहीं की.  ,प्रोजेक्ट मेनेजर, onsite ट्रेवल, per diem, late night, की बात की, Business किसी ने नहीं. 

(कहते हैं आईटी में सारे पाप धुल जाते हैं. आईटी में कोई भी गधा पहलवान हो सकता है. अंधे, लंगड़े, हकले, सब चलेंगे, J node, JavaScript, AngularJS, jQuery, Node.js या  Ruby on Rails आता हैं,  बन गए साहब UI /UX स्पेशलिस्ट! एप्लीकेशन ससोफ्ट्वरे कोई भी सीख लेता है, फिर कोई 'लाला' कंपनी में गधा-खच्चर मजूरी के कुछ साल और फिर डेस्पेरेट MNC में सस्ते में बहाली, अब तो जी आपको वीज़ा मिल गया, अब सारे MNC , स्टार्ट -अप  आपकी आरती उतारने को तैयार हैं.  तभी तो कहते हैं, आईटी में सारे पाप धुल जाते हैं)

आगे  ,बढ़ते हैं,
अगला कैंडिडेट ,एक इंजीनियर आया, संकुचित सा , मैंने पूछा , क्या आप भी IT इंजीनियर हैं? बोला, सर, मैं IT में नहीं हूँ. पुणे में, ट्रेक्टर/एग्रीकल्चर/फार्म इक्विपमेंट कंपनी  में काम करता हूँ, सेल्स सपोर्ट देखता हूँ, अफ़्रीकी देशों के लिए.
मैंने अफ्रीका में बिज़नेस करने के कुछ challenges के बारे में पूछा  और जवाब ऐसे की मैं दंग रह गया. जैसे कोई सीनियर बिज़नेस VP बोल  हो. चीनी कंपनियों से pricing मुकाबला,  सर्विस network की समस्या, लोकल qualified engineers की कमी और bank और लोकल गवर्नमेंट बॉडीज की सुस्ती. न सिर्फ समस्या, बल्कि उसने बड़े तार्किक सन्दर्भ देते हुए बताया कि कंपनी की अब क्या नीति है अफ़्रीकी मार्किट के लिए और उसके हिसाब से  कितना वक़्त लग सकता है, इस चीनी ताक़त को रोकने में या फिर खेल बदलने या पलटने में, अन्य समस्याओं को हल करने में, इत्यादि।     मैंने  इस लड़के को सेलेक्ट कर लिया.

मैं इस कहानी के ज़रिये आपके यह बतलाना चाहता हूँ कि IT सर्विसेज में काम किये /करते हुए ज्यादातर engineers कूप-मंडुक होते हैं. फिर XAT ,CAT , GMAT और पहुँच गए ISB और IIM या XLRI . संस्थान में, १ या २ साल का किताबी ज्ञान, ज्यादातर टाइम असाइनमेंट्स और प्रोजेक्ट्स की कॉपी&पेस्ट में व्यतीत. बचे कुछ टाइम, प्लेसमेंट्स की सर्कस, ...बन गए जनाब सुपरमैन! 










चर्चा में है कि  ६६ साल पुराना संस्थान XLRI एक अभिजात्य वर्ग बन सा गया है. असलियत में काफी gaps हैं, जो alarming हैं. रैंकिंग में नंबर १ इन ह्यूमन रिसोर्सेज self -proclaimed title सा जान पड़ता है. मेरा XLRI के काफी सीनियर और जूनियर कैंडिडेट्स के इंटरव्यू का अनुभव भी यही स्थापित करता है की, यह रंगा सियार ही है. काफी कम ही लोग हैं जो  प्रतिभावान हैं. ६६ साल की विरासत कब तक चल पाती है, देखना होगा.

 कहावत है; 'नामी बनिया का झांट भी बिकता है.'


XAT एंट्रेंस टेस्ट की फॉर्म भरने ही तारीख extend हुई २०१६ के लिए. यह भी एक सन्देश है की काफी काम लोग अप्लाई कर रहे है अब XLRI  के लिए.

मैंने सोचा था, सरकारी अफसर बेईमान, घूसखोर होता है, फिर प्राइवेट कंपनी में काम किया तो मालूम पड़ा यहां तो सबसे बड़े चोर और चरित्रहीन लोग भरे पड़े हैं. यहां तो न विजिलेंस का, नहीं CBI का, नहीं, पॉलिटिशियन का या मीडिया का डर , लूट मचाओ, गिरे हरकत करते रहो. राज्य सरकार के नौकरी में जात-पात था, भाई -भतीजावाद था, प्राइवेट में बंगाली वाद है, मलयाली वाद है, तमिलवाद है , इत्यादि. फिर MBA कॉलेज में देखा, वहाँ भी बंगाली वाद है, मलयाली वाद है, इत्यादि . XLRI जमशेदपुर की वेबसाइट पर आप वाद की कुछ झलक पा सकते हैं. मल्लू चेयरपर्सन है, मल्लू प्रोफेसर हो जाता है, Alumni affairs का हेड हो जाता है. इंस्टीटूशन का चेयरपर्सन भी मल्लू है, क्रिस्चियन है , वैसे तो इंस्टीटूशन ही Jesuit है. Alumni affairs का हेड का प्रोफाइल लिंकेडीन पर और XLRI के वेबसाइट पर देख लीजिये, आप समझ जाएंगे.
youtube पर XLRI के ऑफिसियल videos हैं, पर कमेंट्स डिसेबल्ड हैं. किस बात का fear  है? क्यों इतना intolerance ?
आप ऐसी हरकत तभी करते हैं जब आप को एक्सपोसे होने का fear होता है या आप truth से डरते हैं..
आप तय कर लीजिये.
दोनों वीडियोस देख कर मुझे एक बेहद average Institute की छवि सामने आई. Alumni meet  का video किसी शादी का वीडियो बनाने वाले नें बना दिया है. म्यूजिक वैसा ही है, लग रहा है, शादी का भोज है..
दुसरे वीडियो में, प्रोफेसर सभी झारखण्ड मेड लग रहे हैं. नॉन-इन्स्पिरिंग. सामने लिखे स्क्रिप्ट देख कर पढ़ रहे हैं. Unhygienic कैंटीन, poorly scripted स्टूडेंट टॉक्स,

बस प्लेसमेंट ही बचा रहा है इनको पर ज्यादा दिन चलने वाला नहीं लगता है सब-कुछ तभी तो मूंगफली की तरह XLRI अब certificate course बेच रहा है.

Sunday, October 2, 2016

राम की शक्ति पूजा!-LEADERSHIP LESSONS


सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ आधुनिक हिन्दी काव्य के प्रमुख स्तम्भ हैं। राम की शक्ति पूजा उनकी प्रमुख काव्य कृति है। निराला ने राम की शक्ति पूजा में पौराणिक कथानक लिखा है, परन्तु उसके माध्यम से अपने समकालीन समाज की संघर्ष की कहानी कही है। राम की शक्ति पूजा में एक ऐसे प्रसंग को अंकित किया गया है, जिसमें राम को अवतार न मानकर एक वीर पुरुष के रूप में देखा गया है,

राम  विजय पाने में तब तक समर्थ नहीं होते जब तक वे शक्ति की आराधना नहीं करते हैं।
"धिक् जीवन को जो पाता ही आया है विरोध,
धिक् साधन जिसके लिए सदा ही किया शोध!"
तप के अंतिम चरण में विघ्न, असमर्थ कर देने वाले विघ्न. मन को उद्विग्न कर देने वाले विघ्न. षड़यंत्र , महा षड़यंत्र. परंतु राम को इसकी आदत थी, विरोध पाने की और उसके परे जाने की. शायद इसी कारण उन्हें "अवतार " कहते हैं. अवतार, अर्थात, वह, जिसने मानव जीवन के स्तर को cross कर लिया है. राम सोल्यूसन आर्किटेक्ट थे. पर सिर्फ सोल्यूसन आर्किटेक्ट साधन के बगैर कुछ भी नहीं कर सकता. साधन शक्ति के पास है. विजय उसकी है जिसके साथ शक्ति है. 


जानकी! हाय उद्धार प्रिया का हो न सका,
वह एक और मन रहा राम का जो न थका।
जो नहीं जानता दैन्य, नहीं जानता विनय,


राम एक कमिटेड लीडर भी थे, जो नहीं जानता दैन्य, नहीं जानता विनय! वह अपने सामर्थ्य से विजय पाना चाहता है. विजय उसका कर्मा है. वही नियति है, वही उद्देश्य है, ऐस अ लीडर. लीडर विथ अ पर्पस


कर गया भेद वह मायावरण प्राप्त कर जय।

राम समर्थ थे, दृढ प्रतिज्ञ थे, युक्तिपरक थे परंतु, युद्ध सिर्फ सामर्थ्य से नहीं विजय हो सकती. विजय के लिए चाहिए भेद , भेद को भेदने की युक्ति. काया वह तंत्र है? शिव की साधना तंत्र है. तंत्र अदृश्य, अकल्पित शक्तियों को भेदती है. उन्हें नत मस्तक कराती है. उनपर विजय पाती है. 

बुद्धि के दुर्ग पहुँचा विद्युतगति हतचेतन
राम में जगी स्मृति हुए सजग पा भाव प्रमन।
"यह है उपाय", 

उपाय , सबसे बड़ा यन्त्र, सबसे बड़ा तंत्र. द हाइएस्ट स्टेक ! यह वही बलि है, जिसकी वेदी वैदिक काल से निर्मित है. हर स्तिथि का उपाय है. देवी की शक्ति तंत्र है. 

"साधु, साधु, साधक धीर, धर्म-धन धन्य राम!"
कह, लिया भगवती ने राघव का हस्त थाम।
देखा राम ने, सामने श्री दुर्गा, भास्वर
वामपद असुर स्कन्ध पर, रहा दक्षिण हरि पर।
ज्योतिर्मय रूप, हस्त दश विविध अस्त्र सज्जित,
मन्द स्मित मुख, लख हुई विश्व की श्री लज्जित।
हैं दक्षिण में लक्ष्मी, सरस्वती वाम भाग,
दक्षिण गणेश, कार्तिक बायें रणरंग राग,
मस्तक पर शंकर! पदपद्मों पर श्रद्धाभर
श्री राघव हुए प्रणत मन्द स्वरवन्दन कर।

शक्ति का हस्तान्तरण! डी डिवाइन इंटरवेंशन! 

"होगी जय, होगी जय, हे पुरूषोत्तम नवीन।"
कह महाशक्ति राम के वदन में हुई लीन।

शक्ति अंदर स्थापित होती है, विजय सुनिश्चित है. 

- सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
की  कृति!

नाथन की "ग्लोबल एचआर कम्युनिटी" , एचआर वालों का नॉस्कॉम?

नाथन सर का मैं बड़ा वाला फैन हूं ! डेलोइट (हिंदी में बोले तो Deloitte) को  अपनी सेवा के १९ स्वर्णिम वर्ष समर्पित करने के उपरांत अभी-अभी निवृ...