सावधान इंडिया !
फ्लिपकार्ट ने अब IIM और IIT वालों के जोइनिंग डेट्स निरस्त कर दिए हैं. ६ महीने के लिए. अनिश्चितता का दौर स्टार्ट उप में चल रहा है. हम तो डूबेंगे सनम, तुमको भी ले डूबेंगे !
तश्वीर साफ़ हो जाएगी अगर आप निचे की ग्राफ देखेंगे.
आप पूछेंगे "कहाँ गए ये लोग?" यह तो कहानी है स्टार्ट अप की रंगीन और साहसी दुनिया की. व्यवसायी बनने की. (Disrupt ) करने की. यूनिवर्स में डेंट लगाने की. इनके पास मौका है और इनमे काबिलियत भी है. IIM और IIT और स्मार्ट लोग कर सकते हैं सब जो वो करना चाहते हैं पर जगह है सिलिकॉन वैली , गुरुग्राम, और बैंगलोर नहीं.
स्टार्ट अप डिसरप्टिव छोड़ कर अब वैल्यूएशन के गेम में फंस गया है. ये इंजीनियर स्टार्ट अप में भी नौकरी ही कर रहे हैं. बिज़नेस की कमान तो फाउंडर्स के हाथ में है और वे ग्रेट प्रोडक्ट की जिम्मेवारी टीम के ऊपर डाल कर CEO बन जाते हैं. सेलिब्रिटी स्टेटस मिल जाता है और बिज़नेस पीछे छूट जाता है. एम्प्लोयी disillusioned हो जाता है. वह एम्प्लोयी की तरह फिर दूसरी नौकरी ढूंढ़ता है. पुराने स्ट्रक्चर्ड MNC की याद आ जाती है.
फ्लिपकार्ट ने अब IIM और IIT वालों के जोइनिंग डेट्स निरस्त कर दिए हैं. ६ महीने के लिए. अनिश्चितता का दौर स्टार्ट उप में चल रहा है. हम तो डूबेंगे सनम, तुमको भी ले डूबेंगे !
तश्वीर साफ़ हो जाएगी अगर आप निचे की ग्राफ देखेंगे.
आप पूछेंगे "कहाँ गए ये लोग?" यह तो कहानी है स्टार्ट अप की रंगीन और साहसी दुनिया की. व्यवसायी बनने की. (Disrupt ) करने की. यूनिवर्स में डेंट लगाने की. इनके पास मौका है और इनमे काबिलियत भी है. IIM और IIT और स्मार्ट लोग कर सकते हैं सब जो वो करना चाहते हैं पर जगह है सिलिकॉन वैली , गुरुग्राम, और बैंगलोर नहीं.
स्टार्ट अप डिसरप्टिव छोड़ कर अब वैल्यूएशन के गेम में फंस गया है. ये इंजीनियर स्टार्ट अप में भी नौकरी ही कर रहे हैं. बिज़नेस की कमान तो फाउंडर्स के हाथ में है और वे ग्रेट प्रोडक्ट की जिम्मेवारी टीम के ऊपर डाल कर CEO बन जाते हैं. सेलिब्रिटी स्टेटस मिल जाता है और बिज़नेस पीछे छूट जाता है. एम्प्लोयी disillusioned हो जाता है. वह एम्प्लोयी की तरह फिर दूसरी नौकरी ढूंढ़ता है. पुराने स्ट्रक्चर्ड MNC की याद आ जाती है.
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