लालटेन और झाड़ू

 



दैदीप्य लालटेन चमचमाते सीसे बता रहे हैं, हमे चुनाव चिह्न समझने की भूल मत करना! मैं किसी युग मात्र का शेष प्रतीक नहीं! कई अरमान पनपते है मेरी रौशनी में, कवि की कविता को कभी फोटोग्राफर की कल्पना को सींचता हूं मैं!


अगली बारी इसकी है!



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