कुछ स्टार्ट उप के फाउंडर्स , managers "fuck" , "fucked "इत्यादि शब्द का इस्तेमाल ऐसे करते है जैसे इसके बगैर उनकी उत्पत्ति पर प्रश्न चिन्ह लग जाएगा.
मैं इनसे पूछना चाहता हूँ कि बगैर वियाग्रा (वीमेन वियाग्रा भी अब उपलब्ध है) के आप ३ मिनट नहीं चल पाते, ८ और ९ इंच आपके लिए सपना है और दिन में ३० बार अपनी टीम, क्लाइंट्स के सामने, ऑफिस बॉय और महिलाओं , बच्चिओं के सामने, अपने से उम्र और अनुभव में काफी ज्यादा लोगिन के सामने आप "fuck " चालीसा के माध्यम से क्या बताना चाहते हैं?
कि आपकी उत्पत्ति किसी विशेष प्रक्रिया से हुई है या फिर जो कुमार विश्वास कहते हैं प्रेम के बारे में, जब उनके मित्र और कवि सम्पत शरण जी प्रेम करने वालों का उपहास करते हैं. "जिनसे कुछ नहीं हो पाया होता है, वे ही ज्यादा "पुराण" बांचते हैं.
मैंने दोस्तों से सुना है जो स्टार्टअप में काम करते हैं या कर चुके हैं, की उनकी फाउंडर्स मीटिंग में "fuck " शब्द का प्रयोग टीम पर अपनी बोस्सिसिम साबित करने के लिए या फिर अग्रेशन दिखाने के लिए या फिर टीम के अंदर सफलता के लिए एक बलात्कारी प्रवृत्ति भरने के लिए ऐसा करते हैं. ये तो भाई खतरनाक और बेहद शर्मनाक दशा है.
आज मैंने एक सीनियर मैनेजर को उनके टीम मेंबर्स को यह कहते सुना, "यह फाइल क्यों नहीं भेजा , क्या इसपर अंडे दे रहे थे? सबसे शर्मनाक और दुखद बात यह है कि , ऐसे अपशब्द, अश्लील वाक्य सबके सामने किसी को कह दिए जाते हैं. यह मानवता पर सबसे बड़ा आघात है. बेहद असंवेदनशील और बेशर्म , आततायी managers .
इसी कंपनी में महिला फाउंडर fuck पुराण दिन में १० बार से ज्यादा पढ़ती हैं. यह सब शायद उनके घर की परम्परा हो, हमें तो यह ही लगता है कि भारत में आज भी कर्मचारी ग़ुलाम है. बेड़ियां पड़ी हैं उसके पैरों में, ऐसी क्या मज़बूरी है की वह सब कुछ सह लेता है?
क्या आपके आस-पास भी employee abuse हो रहा है? अगर हाँ तो ठीक से नीचे तक चेक कर लें कहीं आप अपनी असलियत तो नहीं खो बैठे हैं?
abuse को कहो, "इसकी माँ की!
मैं इनसे पूछना चाहता हूँ कि बगैर वियाग्रा (वीमेन वियाग्रा भी अब उपलब्ध है) के आप ३ मिनट नहीं चल पाते, ८ और ९ इंच आपके लिए सपना है और दिन में ३० बार अपनी टीम, क्लाइंट्स के सामने, ऑफिस बॉय और महिलाओं , बच्चिओं के सामने, अपने से उम्र और अनुभव में काफी ज्यादा लोगिन के सामने आप "fuck " चालीसा के माध्यम से क्या बताना चाहते हैं?
कि आपकी उत्पत्ति किसी विशेष प्रक्रिया से हुई है या फिर जो कुमार विश्वास कहते हैं प्रेम के बारे में, जब उनके मित्र और कवि सम्पत शरण जी प्रेम करने वालों का उपहास करते हैं. "जिनसे कुछ नहीं हो पाया होता है, वे ही ज्यादा "पुराण" बांचते हैं.
मैंने दोस्तों से सुना है जो स्टार्टअप में काम करते हैं या कर चुके हैं, की उनकी फाउंडर्स मीटिंग में "fuck " शब्द का प्रयोग टीम पर अपनी बोस्सिसिम साबित करने के लिए या फिर अग्रेशन दिखाने के लिए या फिर टीम के अंदर सफलता के लिए एक बलात्कारी प्रवृत्ति भरने के लिए ऐसा करते हैं. ये तो भाई खतरनाक और बेहद शर्मनाक दशा है.
आज मैंने एक सीनियर मैनेजर को उनके टीम मेंबर्स को यह कहते सुना, "यह फाइल क्यों नहीं भेजा , क्या इसपर अंडे दे रहे थे? सबसे शर्मनाक और दुखद बात यह है कि , ऐसे अपशब्द, अश्लील वाक्य सबके सामने किसी को कह दिए जाते हैं. यह मानवता पर सबसे बड़ा आघात है. बेहद असंवेदनशील और बेशर्म , आततायी managers .
इसी कंपनी में महिला फाउंडर fuck पुराण दिन में १० बार से ज्यादा पढ़ती हैं. यह सब शायद उनके घर की परम्परा हो, हमें तो यह ही लगता है कि भारत में आज भी कर्मचारी ग़ुलाम है. बेड़ियां पड़ी हैं उसके पैरों में, ऐसी क्या मज़बूरी है की वह सब कुछ सह लेता है?
क्या आपके आस-पास भी employee abuse हो रहा है? अगर हाँ तो ठीक से नीचे तक चेक कर लें कहीं आप अपनी असलियत तो नहीं खो बैठे हैं?
abuse को कहो, "इसकी माँ की!
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