लश्कर भी तुम्हारा है सरदार तुम्हारा है;तुम झूठ को सच लिख दो अखबार तुम्हारा है!-शायर विजय सोलंकी
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लालटेन और झाड़ू
दैदीप्य लालटेन चमचमाते सीसे बता रहे हैं, हमे चुनाव चिह्न समझने की भूल मत करना! मैं किसी युग मात्र का शेष प्रतीक नहीं! कई अरमान पनपते है मेरी रौशनी में, कवि की कविता को कभी फोटोग्राफर की कल्पना को सींचता हूं मैं!
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