Wednesday, December 1, 2021

चमत्कार ज़रूरी है. सेटिंग भी ज़रूरी है.

 

कुछ साल पहले नौकरी.कॉम पर एक सीनियर रिक्रूइटेर का रिज्यूमे देखा था. यह रिज्यूमे था २०१२ में टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल साइंसेज से एम् बी ए, अरविंद (छद्म नाम) की। . इसके पहले उन्होंने एक और एम् बी ए किया था इक्फ़ाई हैदराबाद से , उसके बाद दो साल की रिक्रूइटेर की नौकरी TCS हैदराबाद में. फिर टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल साइंसेज से एम् बी ए, फिर माइक्रोसॉफ्ट में रिक्रूइटेर, फिर लिंकेडीन में रिक्रूइटेर और फिर एक फार्मा कंपनी में रिक्रूइटेर.. फिर ऊबर में रिक्रूटमेंट और फिर जब ऊबर से काफी सारे एच आर वाले निकाले जाने लगे तो इन्होने नौकरी.कॉम पर अपना रिज्यूमे डाल दिया. अब आप कहेंगे , प्रीमियर स्कूल , नामी कंपनियों में अनुभव और नौबत आ जाए नौकरी.कॉम पर रिज्यूमे डालने की , वह भी उस रिक्रूइटेर को जिसने लिंकेडीन की सपथ ली हो, लम्बा अनुभव लिंकेडीन में रिक्रूइटेर रहने का हो. यह सब इतना कॉमन नहीं है कि प्रीमियर बी स्कूल एम् बी ए को अच्छे अनुभव के बाद भी नौकरी. कॉम  का सहारा ढूंढना पड़े. एक समय था जब कोई प्रीमियर बी स्कूल का इंसान नौकरी.कॉम पर अपना रिज्यूमे डालना तौहीन समझता था। . चलो किश्मत अच्छी हो तो नौकरी मिलती रहती है. काफी निराशा के बाद समय रहते उन्हें ब्राउज़र स्टैक नाम की कंपनी में नौकरी मिल गयी। .. 

कहानी अरविंद के बारे में नहीं है, यह कहानी है नौकरी की तलाश की. इन्हे इनके एमबी ए के साथी ने फार्मा कंपनी में नौकरी दिलाया तो इन्होने उसे भी अपनी नयी कंपनी में नौकरी दिला कर क़र्ज़ उतार दिया। . सबको यह मौका मिलना चाहिए। .क़र्ज़ लेकर कौन मरे। . 

तो जनाब , ज़िन्दगी ३ बातों पर टिकी है; प्रारब्ध , कर्म और तीसरा और सबसे ज़रूरी "चमत्कार". यह चमत्कार ही था जो ऊबर और ब्राउज़र स्टैक के बीच हुआ अन्यथा ६० लाख में रिक्रूइटेर कौन लेता है? 

करियर में गैप हो गया तो इनकी ही जात  वाले रिक्रूइटेर इन्हे अछूत की तरह छोड़ देते हैं. 

चमत्कार ज़रूरी है. सेटिंग भी ज़रूरी है. 


No comments:

Post a Comment

नाथन की "ग्लोबल एचआर कम्युनिटी" , एचआर वालों का नॉस्कॉम?

नाथन सर का मैं बड़ा वाला फैन हूं ! डेलोइट (हिंदी में बोले तो Deloitte) को  अपनी सेवा के १९ स्वर्णिम वर्ष समर्पित करने के उपरांत अभी-अभी निवृ...