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बदनाम बादशाह के हरम की हूरें!


बदनाम बादशाह के हरम की हूरें!
एक फ्रेंच मल्टी नेशनल कंपनी के सीनियर मानव संसाधन मैनेजर ने अपने बायो डेटा में लिखा है-
पहले आपको बता दूँ की मैं क्या करना चाह रहा हूँ. मैं एक षड़यंत्र का शिकार हूँ. षड़यंत्र है- पिछले २ साल से  मानव संसाधन में नौकरी ढूंढ  रहा हूँ, ५०० कंपनियों में अप्लाई कर चूका हूँ पर कोई इंटरव्यू नहीं. मैं SIBM पुणे से MBA  हूँ और पिछले १३ साल में कुछ अच्छी MNC कम्पनीज़ में काम कर चूका हूँ. मुझे लगता है, कोई बड़ी बीमारी लग गयी है जॉब मार्किट को. IIT और IIM वाले भी, कई बार,  मजबूरी में start up कम्पनीज का रुख कर रहे  हैं. नतीजा साफ़ है. MNC companies इंडिया में अपने डिक्लाइन की ओर अग्रसर है. क्या कोई षड़यंत्र है? आइए जाँच शुरू करते हैं-

कई लोगों का मानना है. MNC एवरेज लोगों का अड्डा सा बन गया है. एवरेज और insecure managers  एंड सीनियर managers कमज़ोर और नपुंसक, लोगों को hire कर रहे हैं. इतना ही नहीं, ये इनको संरक्षण भी दे रहे हैं. "बस एक ही उल्लू काफी था, बर्बाद गुलिश्तां करने को! हर शाख पर उल्लू बैठा है ,अंजामें गुलिश्तां क्या होगा!"
सन २००७ ने मेरा सबसे बड़ा भ्रम अमरीकी लोगों के बारे में दूर कर दिया, जब मैं वहाँ HR वालों से मिला! वहाँ भी HR वालों का वही हाल है. Intellectually सबसे कमज़ोर लोग HR में हैं. कोई भ्रम नहीं की उनकी हैसियत एडमिन वालों जैसी रह गयी है.

एक MNC जिसमे मैंने बैंगलोर में  काम किया था, वहाँ के एक पूर्व HR साथी ने अपने बाई डेटा में लिखा है. साहब पहले सर्विस इंजीनियर थे, फिर   HR में आ गए. पिछले १० साल से उसी कंपनी में हैं. सैलरी २.५ लाख से २१ लाख पहुँच गयी है. आज भी शॉप फ्लोर के लिए आईटीआई अपरेंटिस ही hire करते हैं, पर जनाब क्लेम क्या करते हैं देखिये:
 Expertise in handling multifarious HR activities, viz. liaison with the business to transform into a highly profitable organization, Reducing overhead costs, rebuilding the business, institutionalized solid HR framework.

बड़े बड़े शब्दों का पुलिंदा देखिये- "ट्रांसफॉर्म", बिल्डिंग बिज़नेस, हाइली प्रॉफिटेबल आर्गेनाईजेशन, और इंस्टीट्ूशनलिसेद सॉलिड HR फ्रेमवर्क! 
सत्य यह है- इनकी बॉसेस, जो लगभग १ करोड़ की सैलरी लेते हैं, HR में, MSW वाले हैं. Public meeting में बोलने के नाम पर पैंट  गीली हो जाती है, company  में मज़ाक का पर्याय बन गए है. और ये, इनकी औलाद ट्रांसफॉर्म", बिल्डिंग बिज़नेस, हाइली प्रॉफिटेबल आर्गेनाईजेशन, सॉलिड HR फ्रेमवर्क! जैसे काम करने का दावा करती है. 
यह company पिछले साल इंडिया में ९७% loss डिक्लेअर कर चुकी है. इंडिया में लिस्टेड है. 

हाइली करप्ट लोगों का अड्डा है यह कंपनी. ऐसे में ये Business  वाले इम्पोटेंट और incompetent लोग ही hire करेंगे. यह षड़यंत्र है!
करप्ट लोग अपने आस-पास सपोर्ट फंक्शन में, कमज़ोर या characterless और जीरो integrity लोगों को ही भर्ती  करते हैं. बैंगलोर, ऐसी MNCs का सबसे बड़ा अड्डा है. यहां, कहीं, तमिलवाद , कहीं, मल्लू वाद, कहीं, अन्य वाद है. 
हायरिंग प्रोसेस की इंटीग्रिटी समाप्त हो चुकी है. MNC इस स्तर पर पहुँच जाएगा, इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते आप. 
HR में २५ लाख से ऊपर ही सैलरी पाने वालों का डेटा मैंने देखा तो उसमे ९०% लोग जो अच्छी कंपनियों में काम करते हैं, कोई भी मानद MBA  कॉलेज से नहीं आते. सिर्फ ग्रेजुएट भी ३५ से ५० लाख की सैलरी  पर हैं. 

कुछ HR के नाम पर फेक लोगों की सैलरी भी ३५ लाख से ऊपर है. मेरी आवाज़ शायद इस नक्कारखाने में टूटी की आवाज़ की तरह ही हो, पर कहते हैं न, कि "अकेला चना भांड नहीं फोड़ता, पर अगर हसरत से उड़ जाए तो भड़भूजे की आँख जरूर फोड़ देता है!
एक रिसेप्शनिस्ट जो १२ साल पहले HR  में आई इस MNC  में, १२ साल पहले भी HR बिज़नेस पार्टनर थी , आज भी HR बिज़नेस पार्टनर है. नो ,प्रमोशन  नो रोल चेंज, सैलरी ५ लाख से बढ़ कर ३५ लाख हो गयी. 
पढ़िए यह रिसेप्शनिस्ट अपने रोल के बारे में क्या कहती है उनके रिज्यूमे में-
"Influencing and Coaching Business Leaders, Executing and Enabling Organizational Changes, Leadership Development, Mergers and Acquisitions". 

दूसरी HR बिज़नेस पार्टनर, उसी कंपनी की एक HR बिज़नेस पार्टनर थी , उनके incompetency की कथा जग जाहिर है, पर वह HR Director की फेवरेट थीं , कई कारणों से, ४ साल हनीमून ही चला, कोई काम नहीं. फिर मैटरनिटी लीव पर गयी, और दूसरी कंपनी. पिछले ५ सालों में, ५ कम्पनीज में काम कर चुकी है. ४ लाख की सैलरी आज ७ साल में, २७ लाख है, US MNC में हेड HR हैं. 
उनके रिज्यूमे की एक झलक देखिये- 
KEY ACHIEVEMENTS/ ACCOMPLISHMENTS
·         Received accreditation and won “Lunch with CEO” contest for hiring project.
·         Career Progression & Job Rotation:

Employee Engagement SPOC for a unit of R&D and IT base with ----
·         Accredited by management for handling 25 separations of junior and middle level management in --- as part of acquisition process.
·         Work on Group HR project of position profiles of 100 benchmark positions within ---group. Trained on position profiling by Mercer Consulting 
·         Designed and rolled out a 360-degree feedback processes for Leadership team
·         HR Branding: Featured as Top employer in Naukri, participated in Attrition survey, participated in Job Fair, Endorsed Meritrac & Nasscom, etc.
·         Identified as key talent & nominated for Leadership Excellence Acceleration Program.

आप आश्चर्य करेंगे की इनके इंटरव्यू कौन लेता है? शायद इनके बॉसेस इनमें कुछ और ही देखते हैं. हायरिंग प्राइवेट अफेयर बन गयी है. कॉर्पोरेट इंटीग्रिटी समाप्त. 

जब २००६ में मैं इस MNC में R&D डिवीज़न के लिए, एडमिन अस्सिटैंट hire कर रहा था तो एक बिज़नेस VP (US manager ) कॉर्पोरेट ऑफिस से पूछे " what is the value for his services against the money we will paying him"? उसे मैं २ लाख के CTC पर hire कर रहा था. 
विडम्बना देखिये, उस कंपनी में, ऐसे कितने दामाद थे जिनको उनकी औकात से ३ से ४ गुना ज्यादा सैलरी मिल रही थी. इस C-tiye, VP से अब क्या पूछें, कि "दामादों के बारे में भी पूछो ! 
जब कंपनी को  डूबना  होता है तो वहाँ, गिद्ध जमा  हो जाते हैं. 

बदनाम बादशाह के हरम की हूरें! शायद आप इसकी एक झलक तो पा ही चुके होंगे अबतक. यह कहानी आप सब को मालूम है! बैठे ठालों का क्या रोज़गार? लिख दिया बस! 



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